वित्तीय वर्ष के कुल व्यय अनुमान करीब 24 हजार करोड़ के हैं।
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हैं जिसमें व्यय अनुमान से अधिक हो जाने के कारण ऋण लेना पड़ा है
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12 के दौरान सरकार की बजट अनुमान से कम राजस्व प्राप्तियां, विनिवेश मद में वसूली काफी कम रहने और दूसरी तरफ सब्सिडी व्यय अनुमान से कहीं अधिक होने से राजकोषीय घाटा 4.6 प्रतिशत के बजट अनुमान से बढ़कर 5.9 प्रतिशत तक पहुंच गया.
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नियमानुसार टेंडर निकाले जाने से पहले व्यय अनुमान लिया जाता है और जितने की वस्तुबाजार में प्रचलित मूल्य की होती है उसी के आधार पर उसमें धरोहर राशि रखीजाती है इस प्रकार से यह सुनिश्चित हो जाता है की अनाप शनाप भाव नही आएंगे और उचित भाव पर खरीदारी कर ली जायेगी ।